अमानवीय घटना पर पुलिस का शिकंजा झाबुआ जिले के पारा नगर के अंतर्गत आने वाले ग्राम छापरी रनवास में पत्नी के कंधे पर पति को बैठाकर गांव में घुमाने वालों को पुलिस ने किया सलाखों के पीछे।
झाबुआ जिले के पारा नगर के अंतर्गत आने वाले ग्राम छापरी रनवास मैं चरित्र शंका और पति पत्नी में आपसी मतभेद के कारण लोगों ने पति के साथ मिलकर पहले तो 3 बच्चों की मां को बेइज्जत कर घर से बाहर निकाला और फिर महिला के कंधों पर पति को बैठा कर गांव में घुमाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला अपने पति के साथ जिले से बाहर मजदूरी करने गई थी वहीं किसी अन्य युवक के संपर्क में आई और जब वे घर लौटे तब वह युवक भी साथ में था शंका के घेरे पति के दिमाग में घूम रहे थे पति ने महिला को सबक सिखाने के लिए ग्रामीणों को साथ लिया और महिला को बेइज्जत किया मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना में पति को कंधे पर बैठाकर महिला को घुमाया जा रहा था तब वह रोते-रोते कह रही थी कि वह निर्दोष है फिर भी माफी मांग रही हूं और किसी प्रकार की कभी कोई गलती नहीं करूंगी।
मामले में पुलिस कप्तान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की अमानवीय घटना, एक निंदनीय अपराध है और इस अपराध में लिप्त महिला के पति और उसके साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हालांकि जिले में यह कोई पहली घटना नहीं जिसमें नारी को नरक की तरह प्रताड़ित किया गया हो, और इस तरह की प्रताड़ना आदिवासी समाज की है भी नहीं। ऐसी सज़ा आदिवासी परंपरा में नहीं है।
बहरहाल तुफान में टूटे सागर का किनारा, तो लहरों की क्या बिसात...
जिले में आज भी शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है 60% जनता अशिक्षित है... और जागरूकता न के बराबर है। बरसो से राज कर रहे नेता सांसद विधायक और जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी नहीं चाहा कि लोग शिक्षित हो जाये और समझदार के साथ जागरूक हो जाये
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