एक आरक्षक आध्यात्मिक अनशन पर-पुलिस ने पुलिस जवान को पहुंचाया थाने।
झाबुआ पुलिस जवान मधुसूदन राठौर अपनी समस्या के समाधान के लिये भोपाल पीएचक्यु के सामने अध्यात्मिक अनशन पर बैठा।
आरक्षक कालिदेवी थाने पर पदस्थ था और समस्याओं को लेकर उसने पूर्व एसपी विनीत जैन को अपने गृह जिले में ट्रांसफर का आवेदन दिया था। मगर पीएचक्यु ने मजबूरियों को नहीं समझा और ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया।
आरक्षक ने बताया है कि परेशानियों का हल नहीं होने पर ही पुलिस जवान आत्महत्या करते है। अपनी समस्या बताते हुये जवान ने कहा कि उसको शारिरीक समस्या है जिसमें हार्ट और लीवर एवं पेट फूलने की समस्या है। बिमारी के चलते गृह जिले रतलाम में ट्रांसफर के लिये एसपी विनीत जैन को आवेदन दिया था। मगर पीएचक्यु विभाग ने रतलाम की जगह धार ट्रांसफर कर दिया।
हालांकि, पीएचक्यु के सामने आध्यात्मिक अनशन पर बैठे आरक्षक मधुसूदन की समस्या हल किये बगैर ही पुलिस उसे उठा कर थाने ले गयी।
बहरहाल, पुलिस सबकी समस्या हल करे, पुलिस की समस्या को हल करे न कोई। जब जब समस्या पर आवाज उठाये, पुलिस ही पुलिस की दुश्मन हौये।
झाबुआ पुलिस जवान मधुसूदन राठौर अपनी समस्या के समाधान के लिये भोपाल पीएचक्यु के सामने अध्यात्मिक अनशन पर बैठा।
आरक्षक कालिदेवी थाने पर पदस्थ था और समस्याओं को लेकर उसने पूर्व एसपी विनीत जैन को अपने गृह जिले में ट्रांसफर का आवेदन दिया था। मगर पीएचक्यु ने मजबूरियों को नहीं समझा और ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया।
आरक्षक ने बताया है कि परेशानियों का हल नहीं होने पर ही पुलिस जवान आत्महत्या करते है। अपनी समस्या बताते हुये जवान ने कहा कि उसको शारिरीक समस्या है जिसमें हार्ट और लीवर एवं पेट फूलने की समस्या है। बिमारी के चलते गृह जिले रतलाम में ट्रांसफर के लिये एसपी विनीत जैन को आवेदन दिया था। मगर पीएचक्यु विभाग ने रतलाम की जगह धार ट्रांसफर कर दिया।
हालांकि, पीएचक्यु के सामने आध्यात्मिक अनशन पर बैठे आरक्षक मधुसूदन की समस्या हल किये बगैर ही पुलिस उसे उठा कर थाने ले गयी।
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